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घर मेरा है? / माखनलाल चतुर्वेदी
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08:09, 14 अप्रैल 2009
घरवाला महज़ लुटेरा है।
लो
हो
मुकुट हिमालय पहनाता
सागर जिसके पद धुलवाता,
यह बंधा बेड़ियों में मंदिर,
अनिल जनविजय
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