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|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री|संग्रह=
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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तन्हाई
जाएँ तो कहाँ जाएँ हर मोड़ पे रुस्वाई
ये प्यार की बाहें हैं या मौत की अँगड़ाई
मैं और मेरी तन्हाई
 
 
</poem>