676 bytes added,
18:40, 26 अप्रैल 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा
|संग्रह=तरकश / ऋषभ देव शर्मा
}}
<Poem>
नस्ल के युद्ध हैं
रंग के युद्ध हैं
युद्ध हैं जाति के
धर्म के युद्ध हैं
मेल को तोड़ते
भेद के युद्ध हैं
देश के तो नहीं
पेट के युद्ध हैं
लोक सेवा कहाँ ?
वोट के युद्ध हैं
जीतने जो हमें
सोच के युद्ध हैं</Poem>