भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामधारी सिंह '"दिनकर'"}}{{KKPageNavigation|पीछे=रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 5|आगे=रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 7|संग्रहसारणी= रश्मिरथी / रामधारी सिंह '"दिनकर'"
}}
 
 
[[रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 5|<< तृतीय सर्ग / भाग 5]] | [[रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 7 | तृतीय सर्ग / भाग 7 >>]]
 
 
"विक्रमी पुरुष लेकिन सिर पर,
निर्धन को भरती रहे सदा.
 
 
[[रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 5|<< तृतीय सर्ग / भाग 5]] | [[रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 7 | तृतीय सर्ग / भाग 7 >>]]