Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=असग़र गोण्डवी
|संग्रह=
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
 
तर्के-मुद्दआ<ref>अभिलाषाओं का त्याग</ref> कर दे ऐने-मुद्दआ<ref>निर्मल</ref> हो जा।
 
शाने-अबद<ref>आत्मसमर्पण करके उसके सेवक बनने का गौरव प्राप्त कर</ref> पैदा कर मज़हरे-ख़ुदा<ref>ईश्वर के प्रकट होने का स्थान</ref> हो जा॥
 
उसकी राह में मिटकर, बे-नियाज़े-ख़लक़त बन।
 
हुस्न पर फ़िदा होकर हुस्न की अदा हो जा॥
 
तू है जब पयाम उसका फिर पयाम क्या तेरा।
 
तू है जब सदा उसकी, आप बेसदा हो जा॥
 
 
आदमी नहीं सुनता आदमी की बातों को।
 
पैकरे-अमल बनकर ग़ैब की सदा हो जा॥
{{KKMeaning}}
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,317
edits