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दौलत तो तेरे याँ ही न काम आवेगी बाबा!
:::::::फिर क्या तुझे अल्लाह से मिलवावेगी बाबा!
दाता की तॊ मुश्किल कोई अटकी नहीं रहती
तो याद यह रख बात की जब आवेगी सख़्ती
:::::::ख़ुश्की में तेरी नाव यह डुबवावेगी बाबा!
यह तो न किसी पास रही है न रहेगी
जब तक तू जीएगा, यह तुझे चैन न देगी
:::::::और मरते हुए फिर यह ग़ज़ब लावेगी बाबा!
जब मौत का होवेगा तुझे आन के धड़का
कुप्पों में रूपै डाल के जब देवेंगे भड़का
:::::::तब तन से तेरी जान निकल जावेगी बाबा!
तू लाख अगर माल के सन्दूक भरेगा
वह नाच मज़ा देखेगा और ऎश करेगा
:::::::और रुह तेरी क़ब्र में घबरावेगी बाबा!
उसके तो वहाँ ढोलक व मृदंग बजेगी
ता हश्र तेरी रुह को फिर कल न पड़ेगी
:::::::दिन-रात तेरी छाती को कुटवावेगी बाबा!
गर होश है तुझ में, तो बख़ीली का न कर काम
ज़िन्हार न लेगा कोई उठ सुभ तेरा नाम
:::::::पैज़ारें तेरे नाम पे लगवावेगी बाबा!