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बादल राग / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" / भाग ६
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,
20:00, 9 मई 2007
फिर-फिर!<br>
बार-बार गर्जन<br>
वर्षण है
मूसलाधार
मूसलधार
,<br>
हृदय थाम लेता संसार,<br>
सुन-सुन घोर वज्र हुँकार।<br>
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Hemendrakumarrai