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सृष्टा भी यह कहता होगा / हरिवंशराय बच्चन
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12:50, 1 अक्टूबर 2009
(८)
यह सष्टि नष्ट कर नवल सृष्टि
रचने का यदि मैं करूँ कष्ट,
फिर मुझे यही कहना होगा
अपनी कृति से हो असंतुष्ट,
’फिर उसी तरह से हुआ प्रलय
फिर उसी तरह से हुई सृष्टि।’
</poem>
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