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साथी, साथ न देगा दुख भी / हरिवंशराय बच्चन
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07:52, 4 अक्टूबर 2009
अश्रु बहाना पडता नीरव,
उसी विवशता से दुनिया में होना पडता है हंसमुख भी!
साथी साथ ना देगा दु:ख भी!
<br>
इसे कहूं कर्तव्य-सुघरता
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