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03:04, 6 अक्टूबर 2009 निर्धन जनता का शोषण है<br />
कह कर आप हँसे<br />
लोकतंत्र का अंतिम क्षण है<br />
कह कर आप हँसे<br />
सबके सब हैं भ्रष्टाचारी<br />
कह कर आप हँसे<br />
चारो ओर बड़ी लाचारी<br />
कह कर आप हँसे<br />
कितने आप सुरक्षित होंगे<br />
मैं सोचने लगा<br />
सहसा मुझे अकेला पा कर<br />
फिर से आप हँसे<br />