भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[मारग प्रेम को को समझै / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
* [[काले परे कोस चलि चलि थक गए पाय / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
* [[इन दुखियन को न चैन सपनेहुं मिल्यौ / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
</sort>