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इस सदन में मैं अकेला ही दीया दिया हूं<br>
मत बुझाओ!<br><br>
मैं न रोऊं¸ तो शिला कैसे गलेगी!<br>
इस सदन में मैं अकेला ही दीया दिया हूं<br><br>
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