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चीलें मिलेंगी पेट को बिल्कुल भरे हुए,
पर आदमी को देखिए वो तंग हाल तंगहाल है।
क्यों भेड़ियों का राज है संसद के सहन में,
ज़हनों में आज सबके यही एक सवाल है।
यूँ तो सज़ा के गाँव को वो घर में खुश ख़ुश हुए,
लगता है जैसे गाँव तो अब भी बवाल है।