भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=नोमान शौक़
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
वे कहते हैं
पलाश के फूल
क्यों छोड़ जाती हैं
अमावस के पदचिन्हपदचिह्नचांदनी चाँदनी रातें उनकी खिड़कियों पर
सुरा और सुन्दरी के बीच रहकर भी
क्यों बूढे हो जाते हैं वे