भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख / इक़बाल]]
* [[तिरे इश्क की इंतहा चाहता हूँ / इक़बाल]]
* [[मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे उक़ाबी शान से झपटे थे जो बे-बालो-पर निकले / इक़बाल]]
* [[कभी, ऎ हक़ीक़ते- मुंतज़र / इक़बाल]]
* [[सख्तियाँ करता हूँ दिल पर / इक़बाल]]