भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= जया जादवानी
|संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्वर्य / जया जादवानी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मैं पूरी ऋतु ही लेकर आई थी
हर कालखंड का हर मौसम
तुमने चुन लिए सारे वसन्त
अपने लिए
सूखे पत्तों की गठरी
वापस लाई मैं
समय के बिल्कुल
दूसरे मुहाने पर
जब खोलकर देखा
एक हरा पत्ता जाने कैसे
मुस्करा रहा
मेरी हथेली पर
तेरी मुस्कान का।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार= जया जादवानी
|संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्वर्य / जया जादवानी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मैं पूरी ऋतु ही लेकर आई थी
हर कालखंड का हर मौसम
तुमने चुन लिए सारे वसन्त
अपने लिए
सूखे पत्तों की गठरी
वापस लाई मैं
समय के बिल्कुल
दूसरे मुहाने पर
जब खोलकर देखा
एक हरा पत्ता जाने कैसे
मुस्करा रहा
मेरी हथेली पर
तेरी मुस्कान का।
</poem>