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तेरी हँसी / सतीश बेदाग़
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03:10, 28 नवम्बर 2009
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|रचनाकार=सतीश बेदाग़
|संग्रह=एक चुटकी चाँदनी / सतीश बेदाग़
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<poem>
देखकर तेरी हँसी,देखा है
जब सिमट आती है हाथों में मेरे तेरी हँसी
तब मेरे ज़हन में अल्लाह का नाम आता है
</poem>
Pratishtha
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