भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
*[[कितने उजले दिन बचे कितनी हसीं रातें बचीं / नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[पहले घर-घर जाइए, जाकर गुज़ारिश कीजिए / नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[किन सज़ाओं तक मुझे मेरी ख़ता ले जाएगी / नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[बस्तियों में सर छुपाने को ठिकाना ढूँढना / नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[इस सदी -सी बेहया कोई सदी पहले न थी / नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[उनका सपना शब्द से पहचान सुन्दर चाहिए / नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[/ नूर मुहम्मद `नूर']]
*[[/ नूर मुहम्मद `नूर']]