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नया पृष्ठ: '''रचनाकार - शकील् बदयुनि''' <poem> नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही …
'''रचनाकार - शकील् बदयुनि'''


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नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

रस्ते पे चलुगां न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पडे मर-मर के
मंजील से पहले ना लुगां कहीं दम्
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

धुप् मे पसिना बहाउंगा जहाँ
हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ
धरती पे फाके न पाएगें जनम
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

नया है जमाना मेरी नई है डगर
देश को बनाउंगा मशीनो का नगर
भारत किसी से न रहेगा कम
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

बडा हो के देश का सितारा बनुउंगा
दुनिया की आँखो का टारा बनुउंगा
रखुंगा उंचा तिरंगा हरदम
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

शान्ति की नगरी है मेरा ये वतन्
सबको सिखाउंगा प्यार का चलन
दुनिया मे गिरने न दुंगा कहीं बम्
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्
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