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ख़ुदा का फ़रमान / इक़बाल

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तहज़ीब-ए-नवीं कारगह-ए-शीशागराँ है<br>
आदाब-ए-जुनूँ शायर-ए-मश्रिक़ मशरिक़ को सिखा दो<br><br>