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Kavita Kosh से
*[[सामने अपने आपको ज़िन्दा कम देखा / कृश्न कुमार 'तूर']]
*[[इसी नुक़्ते पे दिल को लाना है / कृश्न कुमार 'तूर']]
*[[ जो भी चीज़ यहाँ है आनी जानी है / कृश्न कुमार 'तूर']]*[[ काँटों को गुलाब दे रहा हूँ / कृश्न कुमार 'तूर']]*[[ दुनिया में नैरंगे-दुनिया कम देखा / कृश्न कुमार 'तूर']]*[[ अपने होंठों पर इक दिया रौशन कर / कृश्न कुमार 'तूर']]
*[[ / कृश्न कुमार 'तूर']]
*[[ / कृश्न कुमार 'तूर']]