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Kavita Kosh से
कविता मुझे विरासत में मिली है। शैशवकाल में ही पिता का देहांत हो गया था; वे अच्छे कवि भी थे। पिता की लेखनी ही मुझमें जीती है, ऐसा मेरा मानना है।<br />