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ग़ालिब
,* [[ग़म-ए-दुनिया से गर पाई भी फ़ुर्सत सर उठाने की / ग़ालिब]]
* [[घर हमारा जो न रोते भी तो वीरां होता / ग़ालिब]]
* [[घर जब बना लिया है तेरे दर पर कहे बग़ैर / ग़ालिब]]
* [[गिरनी थी हम पे बर्क़ / ग़ालिब]]
* [[है आज क्यों ज़लील कि कल तक था नापसन्द / ग़ालिब]]