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{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब}}
<poem>न गुल-ए-नग़्मा हूँ, न परदा-ए-साज़
मैं हूँ अपनी शिकस्त की आवाज़
न गुलतू, और आराइश-ए-नग़्मा हूँ न परदाख़म-ए-साज़काकुल<brref>जुल्फ़ों का श्रृंगार</ref>मैं हूँ अपनी शिकस्त की आवाज़ , और अंदेशा-हाए-दूरो-दराज़<brref>दूर-दूर की शंकाएं<br/ref>
तू और आराईशलाफ़-ए-ख़मतमकीं<ref>सहन करने का दावा</ref> फ़रेब-ए-काकुलसादा-दिली<brref>सरलह्रदयता का धोखा</ref>मैं हम हैं, और अंदेशए-राज़ हाए-दूरसीना-दराज़<br><br>ए-गुदाज़
लाफ़हूँ गिरफ़्तारे उल्फ़त-ए-तमकीं फ़रेब-ए-सादा-दिलीसैयाद<brref>हम हैं और राज़हाए सीना-ए-गुदाज़शिकारी के प्रेम में बंदी<br><br/ref>वरना बाक़ी है ताक़ते परवाज़
हूँ गिरफ़्तार-ए-उल्फ़त-ए-सय्याद<br>वो भी दिन हो कि उस सितमगर सेवरना बाक़ी है ताक़त-एनाज़ खींचूं बजाय हसरते-परवाज़<br><br>नाज़
नहीं दिल में मेरे वह तेरे वो क़तरा-ए-ख़ूँ<br>ख़ूंजिस से मिश्गां मिज़गां<ref>पलकें</ref> हुई न हो गुलबाज़<brref>फूलों से खेलनेवाली<br/ref>
ऐ तेरा ग़मज़ा-ए-यक क़लम अंगेज़<br>मुझको पूछा तो कुछ ग़ज़ब न हुआऐ तेरा ज़ुल्म-एमैं गरीब और तू ग़रीब-सर बसर अंदाज़<br><br>नवाज़
तू असदुल्लाह ख़ां तमाम हुआ जलवागर मुबारक होऐ दरेग़ा<brref>रेज़िश</ref> वह रिंद-ए-सिजदा-ए-जबीन-ए-न्याज़शाहिदबाज़<brref><br/ref> मुझको पूछा तो कुछ ग़ज़ब न हुआ<br/poem>मैं गरीब और तू ग़रीब नवाज़<br><br> असदुल्लाह ख़ां तमाम हुआ<br>ऐ दरेग़ा वह रिंद-ए-शाहिदबाज़{{KKMeaning}}