भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
सफ़ीना<ref>नाव</ref> जब कि किनारे पे आ लगा 'ग़ालिब'
ख़ुदा से क्या सितम-ओ-जोर-ए-ना-ख़ुदा<ref>नाव चलाने वाले की कठोरता और अत्याचार</ref> कहिये
</poem>
{{KKMeaning}}