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|संग्रह=माँ की मीठी आवाज़ / अनातोली परपरा
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[[Category:रूसी भाषा]]
 <poem>
दोस्त ने धोखा दिया
 
मन में तकलीफ़ है
 
कष्ट है, दुख है बहुत
 
लेकिन इसमें ग़लती नहीं कोई
 
दोस्ती की
 
उसे मत कोस तू
 
सूर्योदय के पहले जब मन शान्त हो
 
पक्षियों का आनन्दमय कलरव सुन
 
और ग़लती तूने कहाँ की, यह गुन
</poem>
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