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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=बेढब बनारसी}}{{KKCatKavita}}<poem>1. वन्दना
शारदे आज यह वर दे
इन तीनों सागर अथाह से
इक्यावन नम्बरवाली यह पार पारकर कर दे
<poem>