भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
जिनमें होंगे
कुछ प्यार के फूल
कुछ तुम्हारे उसके दर्द की कथाएंकथाएँकुछ समय – चिंताएंचिंताएँ
मेरे जाने के बाद ये मेरे नहीं होंगे
मेरा क्या….
भर्त्सना हो या जय -जयकारकोई मुझतक मुझ तक नहीं पहुचेगी॥पहुँचेगी॥
</poem>