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हाइकु / कमलेश भट्ट 'कमल'

7 bytes removed, 04:15, 18 जून 2010
पीने लगा हैं है
धरती का भी पानी
प्यासा सूरज।
निकली नहीं
कन्जूस कंजूस बादलों से
एक भी बूँद ।