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आदमी जैसे ही कुछ अजगरों के बीच / प्रकाश बादल
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06:09, 23 जून 2010
चंदन सी ज़िंदगी है विषधरों के बीच।
ये,वो,मैं,तू हैं सब तमाशबीन,
लहूलुहान सिसकियां हैं खंजरों के बीच।
Dr. Manoj Srivastav
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