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चौपाल
,भाई हेमेन्द्र जी, आपने ये बेहद दुखद ख़बर सुनाई । माँ को खोना अपने भगवान को खोना है । हालाँकि माँ भगवान से भी बड़ी होती है । उम्र कोई भी हो माँ की, पर माँ को खोना सबसे बड़ा दुख है । मैंने अपने बचपन में ही माँ को गँवा दिया था । उसके बाद भयानक कष्ट उठाए । लेकिन उन कष्ट के दिनों में भी माँ की स्मृतियों और उनकी दी हुई सीखों ने मुझे बचाया । हम आपके इस दुख में आपके साथ हैं ।
--'''--[[सदस्य: अनिल जनविजय। अनिल जनविजय]]१०:५५ २४ दिसम्बर २००७ (UTC)'''
==graphic designer का रोना==
graphic designer की क्या ज़रुरत है ? जिस पाठक का अकाउंट बना हुआ है वो my preference
में जाकर "skins" tab में कोई स्किन चुन ले।
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