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अरी सखि गाज परौ ऐसी लोक-लाज पै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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14:56, 10 जुलाई 2010
|रचनाकार=भारतेंदु हरिश्चंद्र
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अरी सखि गाज परौ ऐसी लोक-लाज पै, मदन-मोहन संग जान न पाई।
अनिल जनविजय
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