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तृतीय अंक / भाग 7 / रामधारी सिंह "दिनकर"
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12:26, 26 जुलाई 2010
पी लें जी भर पर्वत पर का नीरव प्रकाश,
लें सींच हृदय झूमती हुई हरियाली से.
<font style="font-size:25px">तृतीय अंक समाप्त</font>
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