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{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
}}
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<poem>
छायाओं का कोई संबंध
पेड़ों की
उम्र से भी रहता होगा
कैसा लगता है
जब पेड़ अपनी ही
उम्र की छायाओं में ,झीनी चादर में लिपटे
अलसाये उंघते हैं
कश्मीर (पहलगाम)
<poem>
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छायाओं का कोई संबंध
पेड़ों की
उम्र से भी रहता होगा
कैसा लगता है
जब पेड़ अपनी ही
उम्र की छायाओं में ,झीनी चादर में लिपटे
अलसाये उंघते हैं
कश्मीर (पहलगाम)
<poem>