598 bytes added,
11:36, 8 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कोई ख़याल
आवारा सा
कोई तसव्वुर
धुंधला सा
आँगन में आते आते
नीम की पत्तियों सा
झर गया सुब्हय-दम
देखता हूँ :
आसमान जस का तस
है धीमा सा कोई
राग
<poem>