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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू }} <poem> औ…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू
}}
<poem>
औरत बनने से पहले
(हालाँकि सत्रह की है)
बैठी है कमरे में
परीक्षा दे रही है
तनाव से उसके गाल
फूले हैं और अधिक
गर्दन की त्वचा है महकती सी
यह लड़की
एक दिन गदराई हुई होगी
कई परीक्षाओं अनचाही मुस्कानों को
अपनाते बीत चुका होगा
कैशोर्य का अन्तिम पड़ाव
सड़कों पर आँखें
अनदेखा करती गुज़रेंगीं
आश्वस्त निरीह गदराई
आश्वस्त? या बहुत घबराई
बहुत घबराई!
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|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू
}}
<poem>
औरत बनने से पहले
(हालाँकि सत्रह की है)
बैठी है कमरे में
परीक्षा दे रही है
तनाव से उसके गाल
फूले हैं और अधिक
गर्दन की त्वचा है महकती सी
यह लड़की
एक दिन गदराई हुई होगी
कई परीक्षाओं अनचाही मुस्कानों को
अपनाते बीत चुका होगा
कैशोर्य का अन्तिम पड़ाव
सड़कों पर आँखें
अनदेखा करती गुज़रेंगीं
आश्वस्त निरीह गदराई
आश्वस्त? या बहुत घबराई
बहुत घबराई!