भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अपनी बात / आलोक धन्वा

7 bytes added, 15:03, 13 अक्टूबर 2010
{{KKCatKavita}}
<poem>
 
कितने दिनों से रात आ रही है
जा रही है पृथ्‍वी पर
(1996)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits