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बात पर बात होता बात ओराते नइखे / मनोज भावुक
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13:30, 20 अक्टूबर 2010
भीम असली ह कि लोहा के, चिन्हाते नइखे
बर्फ
हs
हऽ
, भाप
हs
हऽ
, पानी
हs
हऽ
कि कुछुओ ना
हs
हऽ
जिन्दगी का हवे, ई राज बुझाते नइखे
अनिल जनविजय
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