भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रीटा और राइफ़ल

18 bytes added, 13:20, 18 नवम्बर 2010
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
एक राइफ़ल होती है
जब वह युवा थी
और मुझे याद है किस तरह वह नज़दीक आई थी
और कैसे मेरी बांहें ढंके बाँहें ढँके थीं उन प्यारी लटों कोऔर मैं याद करता हूं हूँ रीटा को
जिस तरह एक गौरैय्या याद करती है अपनी धारा को
उफ़ रीटा
हम दोनों के दरम्यान लाखों गौरैयें और छवियां छवियाँ हैं
और बहुत सारी मुलाक़ातें
जिन्हें राइफ़ल से दाग़ा गया है
रीटा का नाम मेरे मुंह मुँह ले लिए एक भोज था
रीटा की देह मेरे रक्त का विवाह था
और मैं दो बरस खोया रहा रीटा में
और दो साल तक सोया की वह मेरी बांहों बाँहों में
और हमने वायदे किए
सुन्दरतम प्यालों के दौरान
और हमने दोबारा जन्म लिया
उफ़ रीटा!
इस राइफ़ल के सामने कौन सी चीज़ मेरी आंखों आँखों को तुमसे दूर हटा सकती थी
सिवा एक छोटी सी नींद या शहद के रंग के बादलों के?
एक दफ़ा
उफ़, गोधूलि की ख़ामोशी
सुबह मेरा चन्द्रमा किसी सुदूर जगह जा बसा
उन शहद रंग की आंखों आँखों की तरफ़
और शहर ने बुहार दिया सारे गायकों को
और रीटा को
रीटा और मेरी आंखों आँखों के दरम्यान -एक राइफ़ल.
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits