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अब तो हद हो गई यार ! / पंकज त्रिवेदी
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20:57, 25 नवम्बर 2010
अडिग और पक्का
जैसा था कभी
जब तुम
थी
थीं
नई नवेली दुल्हन... !
आज झलकने लगी है भले ही चांदी बालों में
अनिल जनविजय
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