भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सभ्यता / संतोष मायामोहन

No change in size, 09:04, 29 नवम्बर 2010
खड़े हैं
दसियों, बीसियों, तीसियों मंजिले मकान
मैं देखती हूं हूँ इन्हें
और मापने लगती हूँ
किसी भविष्य के "थेह"
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits