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ढोलक लेकर आए बादल / बुलाकी दास बावरा
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16:17, 1 दिसम्बर 2010
<poem>फिर ग्रीष्म का ताप मिटाने,
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फिर ग्रीष्म का ताप मिटाने,
ढोलक लेकर आए बादल ।
अनिल जनविजय
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