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/* युध्दों का सजीव चित्र */
साजि चतुरंग वीर रंग में तुरंग चढ़ि।
सरजा सिवाजी जंग जीवन जीतन चलत है।।
भूषन भनत नाद विहद नगारन के।
ऐल फैल खैल भैल खलक में गैल गैल,
तारा सों तरनि घूरि धरा में लगत लIगत जिम,
====भाषा====