आजकल
मन में उठने लगे हैं बहुत सवाल
कुछ सवालों का जवाब
जैसे-तैसे खोज लेती हूँ
पर, कुछ सवाल
खड़े रहते हैं
देते हुए चुनौती
मेरे अस्तित्व को।
ऐसे ही एक दिन मैंने
धर्म-ग्रन्थों से पूछ लिया
कौन हो तुम असल में?
क्या हिन्दू हो या मुसलमान
सिक्ख या ईसाई
पूछते ही
बर्फ़ का हिमालय
गल गया।
सच मानिए
शर्म से इस तरह पानी-पानी होते
मैंने पहली बार किसी को देखा।