भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शादी / रजनी अनुरागी
Kavita Kosh से
अधिकारों की बात करते ही
मर्यादा हो जाती है छिन्न-भिन्न
और मर्यादा बचाने के
मर्दवादी तरीके हैं भिन्न-भिन्न