तीर हाथों में लिये पैना
शिकारी आ गये!
नीड़ में सहमी हुई मैना
शिकारी आ गये!
आंख में
भीगा हुआ क्रंदन
दृष्टियों में
मूक संबोधन
दर्द से चटका हुआ डैना
शिकारी आ गये!
गोद में
सिमटे हुए चूजे
जंगलों के
शोर अनगूंजे
स्याह गहरी हो गई रेना
शिकारी आ गये!
हूक-सी
उठने लगी दिल में
आ गई है
जान मुश्किल में
कंठ में ही फंस गये बैना
शिकारी आ गये!