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दोस्त मेरे
सुन्दर हैं तेरी रचनाएँ
सुन्दर हैं तेरी प्रार्थनाएँ
ख़ूबसूरती के बारे में
लेकिन...
नहीं हैं उनमें कहीं भी
दुख की एक बूंद तक
न पीड़ाऎँ
न कष्ट
न ग़रीबी
न भूखमरी
दोस्त मेरे
है कहीं जीवन रचनाओं में ?
(रचनाकाल : 1990)
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दोस्त मेरे
सुन्दर हैं तेरी रचनाएँ
सुन्दर हैं तेरी प्रार्थनाएँ
ख़ूबसूरती के बारे में
लेकिन...
नहीं हैं उनमें कहीं भी
दुख की एक बूंद तक
न पीड़ाऎँ
न कष्ट
न ग़रीबी
न भूखमरी
दोस्त मेरे
है कहीं जीवन रचनाओं में ?
(रचनाकाल : 1990)