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श्री सी.मिश्रा के लिये / नासिर अहमद सिकंदर
Kavita Kosh से
नहाने के बाद
एक नहीं
दो नहीं
तीन भी नहीं
चार-चार तौलिये से
पोंछते अपना शरीर पंडित जी
वे जिस तौलिये से सर पोंछते
उससे पैर नहीं
जिससे पैर
उससे तन का ऊपरी हिस्सा
और जिससे तन का ऊपरी हिस्सा
उससे बीच का नहीं
वाह पंडित जी !
वस्त्रों को भी आपने
वर्ण कर लिया !