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सत्ता / मधुप मोहता
Kavita Kosh से
सत्ता के गलियारों का
वातानुकूलित सन्नाटा
भयभीत सा करने लगा है।
कोलाहल से कहो कि
भीतर आए
और मुझे आत्मसात कर ले।