सन ऑफ़ इंडिया / नन्हा मुन्ना राही हूँ

रचनाकार: शकील बदायूनी                 

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द

रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढाऊँगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!
नन्हा मुन्ना राही हूँ...

धूप में पसीना बहाऊँगा जहाँ
हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ
धरती पे फाके न पाएगें जन्म
आगे ही आगे ...

नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर
भारत किसी से न रहेगा कम
आगे ही आगे ...

बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा
दुनिया की आँखो का तारा बनूंगा
रखूँगा ऊँचा तिरंगा हरदम
आगे ही आगे ...

शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊँगा प्यार का चलन
दुनिया मे गिरने न दूँगा कहीं बम
आगे ही आगे ...

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